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Ayurvedic Treatment for Hoarseness of Voice

Ayurvedic Treatment for Hoarseness of Voice

स्वर भंग (Hoarseness): कारण और उपचार

स्वर भंग, जिसे होवर्सनेस के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें आवाज में एक खुरदुरापन या रुकावट महसूस होती है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब स्वरयंत्र (लैरिन्क्स) या स्वर नाड़ियों (वोकल कॉर्ड्स) में कोई असामान्यता आती है। स्वर भंग के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें संक्रमण, एलर्जी, पाचन संबंधी समस्याएं, या अन्य चिकित्सीय स्थितियां शामिल हैं। इस लेख में, हम स्वर भंग के कारण, लक्षण, उपचार, दवा, और सावधानियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
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Hoarseness Voice

स्वर भंग के कारण: 
  • वायरल संक्रमण: सर्दी, खांसी, फ्लू, या अन्य वायरल संक्रमण। ये संक्रमण स्वर नाड़ियों में सूजन पैदा कर सकते हैं।
  • बैक्टीरियल संक्रमण: स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण या अन्य बैक्टीरियल इन्फेक्शन। ये संक्रमण गले और स्वरयंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
  • एलर्जी: धूल, प्रदूषण, पालतू जानवरों के बाल, या अन्य एलर्जन। एलर्जी के कारण स्वर नाड़ियों में सूजन और जलन हो सकती है।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: एसिड रिफ्लक्स (GERD) या पेट की समस्याएं। एसिड रिफ्लक्स से पेट का एसिड स्वरयंत्र तक पहुंच सकता है, जिससे जलन और सूजन होती है।
  • मौसम और वातावरण: शुष्क हवा, प्रदूषण, या धूम्रपान। ये कारक स्वर नाड़ियों को परेशान कर सकते हैं।
  • तनाव और चिंता: तनाव से पाचन तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित होती है। इससे स्वर नाड़ियों में सूजन और स्वर भंग हो सकता है।
  • खान-पान: मसालेदार, खट्टे, या गर्म खाद्य पदार्थ। ये पदार्थ स्वर नाड़ियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
  • पानी में कमी: शरीर में पानी की कमी से स्वर नाड़ियों में सूखापन और जलन हो सकती है।
  • वायरल फ्लू: फ्लू के कारण स्वर नाड़ियों में सूजन और स्वर भंग हो सकता है। 
  • टॉन्सिल स्टोन्स: टॉन्सिल में छोटे पत्थरों का जमा होना। यह सूजन और स्वर भंग का कारण बन सकता है।  
  • स्वर नाड़ियों की चोट: यदि स्वर नाड़ियों में चोट लग जाए, तो स्वर भंग हो सकता है।  
  • धूम्रपान: धूम्रपान से स्वर नाड़ियों में सूजन और स्वर भंग हो सकता है।  
  • लंबे समय तक बोलना: यदि आप लंबे समय तक बोलते हैं या आपका काम स्वर नाड़ियों का अधिक उपयोग करने वाला है, तो स्वर भंग हो सकता है।  
  • स्वर नाड़ियों के विकार: स्वर नाड़ियों में पॉलीप्स, नोड्यूल्स, या अन्य विकार होने से स्वर भंग हो सकता है।  
स्वर भंग के लक्षण: 
  • आवाज में खुरदुरापन या रुकावट। 
  • बोलने में परेशानी। 
  • गले में दर्द या जलन। 
  • निगलने में दिक्कत। 
  • खांसी या बलगम का आना। 
  • सांस लेने में दिक्कत (गंभीर मामलों में)। 
  • गर्दन में सूजन (लिम्फ नोड्स में सूजन)। 
  • बुखार या थकान।  
स्वर भंग का उपचार: 
घरेलू उपचार: 
  • नमक पानी से कुल्ला: 1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नमक मिलाकर कुल्ला करें। यह स्वर नाड़ियों की सूजन और दर्द को कम करता है। 
  • शहद और नींबू: एक चम्मच शहद में नींबू का रस मिलाकर चाटें। यह स्वर नाड़ियों को मॉइस्चराइज करता है।  
  • एलोवेरा जेल: एलोवेरा जेल को गले में लगाने से आराम मिलता है।
  • हर्बल चाय: अदरक, तुलसी या लौंग की चाय पिएं। यह स्वर नाड़ियों की जलन को कम करती है।
  • भाप लें: गर्म पानी की भाप लेने से स्वर नाड़ियों की सूजन में आराम मिलता है।
  • बर्फ की पैकिंग: गर्दन के ऊपर बर्फ की पैकिंग करने से सूजन कम होती है।  
  • तुलसी के पत्ते: तुलसी के पत्तों को चाय या पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।
दवाएं: 
  • दर्द निवारक: पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन लें। यह स्वर नाड़ियों के दर्द और सूजन को कम करता है। 
  • खांसी की दवा: अगर खांसी है, तो खांसी रोकने की दवा लें।
  • एंटीबायोटिक्स: अगर संक्रमण बैक्टीरियल है, तो डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक्स लें। 
  • एसिड रिफ्लक्स की दवा: अगर एसिड रिफ्लक्स के कारण स्वर भंग है, तो एंटीक्सिड या प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स लें।
  • स्टेरॉयड: गंभीर सूजन में स्टेरॉयड का उपयोग किया जा सकता है।
  • सर्जिकल उपचार: अगर स्वर भंग का कारण गंभीर संक्रमण या स्वर नाड़ियों के विकार हैं, तो डॉक्टर सर्जिकल उपचार की सलाह दे सकते हैं।  
स्वर भंग के लिए आहार: 
क्या खाना चाहिए?
  • गर्म और आरामदायक खाद्य पदार्थ: दालचीनी वाली चाय, अदरक की चाय, या सूप (जैसे चिकन सूप या सब्जी सूप), ये पदार्थ स्वर नाड़ियों को आराम देते हैं।
  • नरम खाद्य पदार्थ: दलिया, खिचड़ी, या नरम फल (जैसे केला या सेब), ये खाद्य पदार्थ निगलने में आसान होते हैं।
  • विटामिन सी से भरपूर फल: संतरा, नींबू, या अमरूद, ये फल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
  • शहद और नींबू: शहद और नींबू का मिश्रण स्वर नाड़ियों को मॉइस्चराइज करता है।
  • हर्बल चाय: अदरक, तुलसी या लौंग की चाय पीने से स्वर नाड़ियों की सूजन कम होती है।
  • पानी और तरल पदार्थ: पर्याप्त पानी पीने से स्वर नाड़ियों को नमी मिलती है।
क्या नहीं खाना चाहिए?: 
  • मसालेदार खाद्य पदार्थ: मसालेदार खाने से स्वर नाड़ियों में और अधिक जलन हो सकती है।
  • खट्टे खाद्य पदार्थ: खट्टे फल या पेय पदार्थ स्वर नाड़ियों को परेशान कर सकते हैं।
  • गर्म और चिपचिपे खाद्य पदार्थ: गर्म और चिपचिपे खाद्य पदार्थ निगलने में परेशानी पैदा कर सकते हैं।
  • कैफीन और अल्कोहल: कैफीन और अल्कोहल से स्वर नाड़ियों में सूखापन हो सकता है।
स्वर भंग से बचाव के उपाय: 
  • हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • स्वस्थ आहार: फल, सब्जियां, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
  • धूम्रपान से बचें: धूम्रपान और पассив धूम्रपान से बचें।  
  • एलर्जी से बचाव: अगर एलर्जी के कारण स्वर भंग होता है, तो एलर्जन से बचें।
  • नियमित व्यायाम: व्यायाम से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। 
  • पर्याप्त नींद: पर्याप्त नींद लेने से शरीर की प्रतिरक्षा बढ़ती है। 
  • मौसम के अनुसार कपड़े पहनें: सर्दी के मौसम में गर्म कपड़े पहनकर स्वर नाड़ियों को बचाएं।
  • प्रदूषण से बचें: प्रदूषित वातावरण से बचने के लिए मास्क का उपयोग करें।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
  • अगर स्वर भंग 2-3 दिन से अधिक समय तक रहता है 
  • अगर बुखार, सिरदर्द, या थकान के साथ स्वर भंग हो। 
  • अगर निगलने में बहुत परेशानी हो। 
  • अगर स्वर नाड़ियों में सूजन या लालिमा बढ़ जाए। 
  • अगर सांस लेने में दिक्कत हो। 
स्वर भंग एक आम समस्या है जो विभिन्न कारणों से हो सकती है। घरेलू उपचार, सावधानियां, और सही आहार से इसे रोका और ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर समस्या गंभीर या लंबे समय तक रहती हो, तो डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने से स्वर भंग जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

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