आंखों की रोशनी बढ़ाने और चश्मा हटाने के लिए आयुर्वेदिक व घरेलू नुस्खे लंबे समय से प्रचलित हैं। आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण, आंवला और गाजर को आंखों के लिए अमृत समान माना गया है। रोजाना गाजर, चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन आंखों को अंदर से मजबूती देता है। सुबह-सुबह ताजा आंवला जूस या आंवला मुरब्बा लेने से दृष्टि शक्ति बेहतर होती है। इसके अलावा त्रिफला पानी से आंखें धोना भी आंखों की थकान और कमजोरी को कम करता है। योग और प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम, भ्रामरी तथा नेत्र व्यायाम करने से आंखों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और चश्मा हटाने में मदद मिल सकती है। पर्याप्त नींद, आंखों की स्वच्छता और कंप्यूटर/मोबाइल का संतुलित उपयोग भी जरूरी है। इन प्राकृतिक और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर धीरे-धीरे आंखों की रोशनी बेहतर की जा सकती है और चश्मे पर निर्भरता कम की जा सकती है।

- पलक झपकाना: नियमित रूप से पलक झपकाने से आंखों को आराम मिलता है और आंखों की नमी बनी रहती है।
- आंखों को घुमाना: आंखों को धीरे-धीरे घड़ी की दिशा और विपरीत दिशा में घुमाएं। यह आंखों की मांसपेशियों को लचीला बनाता है।
- फोकस बदलना: एक वस्तु को दूर और फिर पास देखकर आंखों की फोकस करने की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
- विटामिन ए: गाजर, पालक, शकरकंद और हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- विटामिन सी: संतरा, नींबू, आंवला और अन्य खट्टे फलों में विटामिन सी होता है जो आंखों के लिए फायदेमंद है।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड: मछली, अखरोट और फ्लैक्ससीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो आंखों की सेहत के लिए अच्छा है।
- त्राटक क्रिया: यह एक प्राचीन योग तकनीक है जिसमें एक बिंदु या मोमबत्ती की लौ को टकटकी लगाकर देखा जाता है। यह आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- शवासन: यह आंखों और शरीर को आराम देने में मदद करता है।
- आंखों को आराम दें: लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने न बैठें। हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें।
- आंखों को साफ रखें: आंखों को साफ पानी से धोएं और धूल-मिट्टी से बचाएं।
- नियमित जांच: आंखों की नियमित जांच करवाएं और डॉक्टर की सलाह लें।
- त्रिफला चूर्ण: त्रिफला चूर्ण को पानी में भिगोकर रात भर रखें और सुबह इस पानी से आंखों को धोएं।
- आंवला जूस: आंवला जूस पीने से आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
- हल्दी और दूध: हल्दी को दूध में मिलाकर पीने से आंखों की सेहत में सुधार होता है।
- लासिक सर्जरी: यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें कॉर्निया को फिर से आकार दिया जाता है ताकि दृष्टि में सुधार हो सके।
- कॉन्टैक्ट लेंस: चश्मे के बजाय कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग किया जा सकता है।
- आंखों को अधिक तनाव न दें।
- धूप में जाते समय सनग्लासेस पहनें।
- आंखों को साफ और स्वस्थ रखें।
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