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मुँह के छालों का आयुर्वेदिक उपचार

मुँह के छालों का आयुर्वेदिक उपचार

मुँह के छाले क्यों होते हैं और कैसे रोका जाए

मुँह के छाले, जिन्हें आयुर्वेद में "अक्युत्" या "शुष्कता" के रूप में जाना जाता है,  मुँह के छाले (Mouth Ulcers) एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र में हो सकती है। ये छाले मुँह के अंदर, जीभ, गालों के अंदरूनी हिस्से, मसूड़ों या होंठों पर हो सकते हैं। ये छाले आमतौर पर दर्दनाक होते हैं ये आमतौर पर बिना किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के होते हैं लेकिन खाने, पीने, और बातचीत करने में असुविधा का कारण बन सकते हैं।  और खाने-पीने में परेशानी पैदा कर सकते हैं। इनके कारण, उपचार और बचाव के तरीके नीचे विस्तार से बताए गए हैं:

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Mouth Ulcers

मुँह के छालों के कारण: मुँह के छाले के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • शारीरिक चोट: दांतों से गाल या जीभ काटना, गलत तरीके से ब्रश करना। नकली दांत या ब्रेसिज़ का दबाव।
  • खाद्य पदार्थ: मसालेदार, खट्टे या गर्म खाने से।, चॉकलेट, कॉफी या नट्स का अधिक सेवन।
  • दवाएं: कुछ दवाएं (जैसे NSAIDs) छाले पैदा कर सकती हैं।
  • रोग: सीलिएक रोग, क्रोहन रोग या एचआईवी जैसी बीमारियाँ।
  • तनाव और चिंता: मानसिक तनाव और चिंता मुँह के छालों का एक सामान्य कारण हो सकते हैं।
  • पोषक तत्वों की कमी: विटामिन B12, फोलिक एसिड, और आयरन की कमी से मुँह के छाले उत्पन्न हो सकते हैं।
  • खराब स्वास्थ्य: मुँह के अंदर के घाव होते हैं जब मौखिक स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता।
  • एलर्जी: कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति एलर्जी या संवेदनशीलता भी छालों का कारण बन सकती हैं, जैसे कि खट्टे फल।
  • हार्मोनल परिवर्तन: महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन के दौरान (जैसे मासिक धर्म) छालों की समस्या बढ़ सकती है।
  • इंफेक्शन: वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण भी मुँह में छाले उत्पन्न कर सकते हैं।

लक्षण: मुँह के छालों के लक्षण आमतौर पर निम्नलिखित होते हैं:

  • दर्दनाक घाव: मुँह के अंदर या जीभ पर छोटे, सफेद या पीले गोलाकार घाव और घाव के आसपास लालिमा।
  • सामान्य असुविधा: खाने, पीने, और बोलने में दर्द। जलन या झुनझुनी महसूस होना।
  • सूजन: प्रभावित क्षेत्र में सूजन या लालिमा।
  • अवसाद: गंभीर मामलों में, व्यक्ति में अवसाद या मानसिक तनाव का अनुभव हो सकता है।

उपचार: मुँह के छालों का उपचार घर पर ही किया जा सकता है। कुछ उपाय और उपचार निम्नलिखित हैं:

  • साफ-सफाई: मुँह की सफाई का ध्यान रखें। नरम ब्रश से दांतों को ब्रश करें और मुँह को साफ रखें।
  • खाने में सावधानी: ऐसे खट्टे या मसालेदार पदार्थों से बचें जो छालों को और बढ़ा सकते हैं।
  • गर्म नमक का पानी: एक कप गर्म पानी में एक चम्मच नमक मिलाकर इससे गरारा करें। यह संक्रमण को कम करता है और दर्द में राहत देता है।
  • सॉफ्ट फूड्स का सेवन: मँहगे और सख्त खाद्य पदार्थों से बचें, जैसे चिप्स और कुरकुरे खाद्य पदार्थ। मुलायम और ठंडे खाद्य पदार्थ जैसे दही, केला आदि खाएँ।
  • ओरोज़ा (Topical) उपचार: ओवर-द-काउंटर मुँह के छालों के लिए जेल या मलहम का उपयोग करें। ये छालों पर लगाने से तात्कालिक राहत प्रदान करते हैं।
  • हाइड्रेशन: उचित मात्रा में पानी पिएँ ताकि मुँह में सूखापन न हो।
  • विटामिन सप्लीमेंट: यदि मुँह के छालों की समस्या विटामिन की कमी के कारण है, तो चिकित्सक से सलाह लेकर सप्लीमेंट्स लें।
  • एलोवेरा जेल: ताजा एलोवेरा जेल को छाले पर लगाएं। यह दर्द और सूजन को कम करता है
  • शहद: छाले पर शहद लगाएं। शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।
  • हल्दी और ग्लिसरीन: हल्दी पाउडर और ग्लिसरीन को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे छाले पर लगाएं।
  • बर्फ का उपयोग: छाले पर बर्फ लगाएं। यह दर्द और सूजन को कम करता है।
दवाएं:
  • माउथवॉश: एंटीसेप्टिक माउथवॉश का उपयोग करें।
  • जेल या क्रीम: डॉक्टर की सलाह से ओरल जेल (जैसे ओराबेस) लगाएं।
  • दर्द निवारक दवाएं: पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन लें।
  • विटामिन सप्लीमेंट्स: विटामिन B12, आयरन और जिंक की कमी को पूरा करें।
  • बचाव के उपाय: 
  • संतुलित आहार: विटामिन और मिनरल युक्त खाद्य पदार्थ खाएं।
  • मुँह की सफाई: नियमित रूप से ब्रश और फ्लॉस करें।
  • तनाव कम करें: योग, ध्यान या व्यायाम करें।
  • खाद्य पदार्थों से बचें: मसालेदार, खट्टे या गर्म खाने से परहेज करें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें: ये छाले को बढ़ा सकते हैं।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

मुँह के छाले आमतौर पर हानिरहित होते हैं और कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं लेकिन वे दर्दनाक हो सकते हैं। उचित स्वास्थ्य देखभाल और सही खानपान का ध्यान रखकर इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है। मुँह के छालों से राहत पाने के लिए ऊपर दिए गए उपायों का पालन करें और यदि समस्या बनी रहे तो पेशेवर चिकित्सा सलाह लें

मुहँ के छाले के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में प्रश्न और उत्तर (F&Q)

  • मुँह के छाले क्या होते हैं?
    • मुँह के छाले, जिन्हें मुखपाक या छालेदार घाव भी कहा जाता है, छोटे, दर्दनाक घाव होते हैं जो आपके मुँह के अंदर, जैसे कि जीभ, मसूड़ों, गालों के अंदर या होंठों पर हो सकते हैं। ये आमतौर पर सफेद या पीले रंग के होते हैं और इनके चारों ओर लालिमा हो सकती है।
  • मुँह के छाले होने के क्या कारण हैं?
    • मुँह के छाले कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
      • तनाव और चिंता
      • हार्मोनल परिवर्तन
      • कुछ खाद्य पदार्थों से एलर्जी या संवेदनशीलता (जैसे खट्टे फल, मसालेदार भोजन)
      • विटामिन और खनिजों की कमी (जैसे विटामिन बी12, आयरन, फोलेट)
      • पेट की समस्याएँ
      • दंत चिकित्सा कार्य या तेज किनारों वाले दांतों या डेन्चर से चोट
      • सोडियम लॉरिल सल्फेट (एसएलएस) युक्त टूथपेस्ट और माउथवॉश
      • कुछ दवाएं
      • आनुवंशिकी
  • क्या मुँह के छालों का आयुर्वेदिक उपचार संभव है?
    • हाँ, आयुर्वेद में मुँह के छालों के लिए कई प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं जो लक्षणों को कम करने और हीलिंग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
  • मुँह के छालों के लिए कुछ सामान्य आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं?
    • कुछ सामान्य आयुर्वेदिक उपचारों में शामिल हैं:
      • शहद: शहद में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो छालों को ठीक करने और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसे सीधे छाले पर लगाएं।
      • घी: घी ठंडा और सुखदायक होता है। इसे छाले पर लगाने से जलन कम होती है और हीलिंग में मदद मिलती है।
      • नारियल का तेल: नारियल के तेल में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण को रोकने और हीलिंग को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
      • त्रिफला: त्रिफला चूर्ण को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुँह के छालों में आराम मिलता है। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होता है।
      • कत्था: कत्थे का चूर्ण छाले पर लगाने से यह सिकुड़ जाता है और जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
      • तुलसी: तुलसी के पत्तों को चबाने या तुलसी के पानी से कुल्ला करने से भी आराम मिल सकता है।
      • मुलेठी: मुलेठी का चूर्ण शहद में मिलाकर छाले पर लगाने से राहत मिलती है।
      • नीम: नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं।
  • मुँह के छालों से राहत के लिए कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?
    • कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपाय जो आप आजमा सकते हैं:
      • गरारे करना: गुनगुने नमक के पानी से दिन में कई बार गरारे करें।
      • ठंडी सिकाई: छाले वाली जगह पर बर्फ का टुकड़ा लगाएं।
      • नरम भोजन: मसालेदार, खट्टे और कठोर भोजन से बचें। नरम और आसानी से पचने वाले भोजन का सेवन करें।
      • पर्याप्त पानी पिएं: डिहाइड्रेशन से बचें।
  • मुँह के छालों को ठीक होने में कितना समय लगता है?
    • आमतौर पर, मुँह के छाले बिना किसी उपचार के भी एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाते हैं। हालांकि, आयुर्वेदिक उपचार लक्षणों को कम करने और हीलिंग की प्रक्रिया को तेज करने में मदद कर सकते हैं।
  • क्या मुँह के छाले संक्रामक होते हैं?
    • सामान्य मुँह के छाले (कैनकर सोर) संक्रामक नहीं होते हैं। हालांकि, हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के कारण होने वाले छाले (कोल्ड सोर) संक्रामक हो सकते हैं। यदि आपको हर्पीज के लक्षण लग रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
  • मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
    • आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए यदि:
    • आपके छाले बहुत बड़े हों या कई हों।
    • छाले दो सप्ताह से अधिक समय तक बने रहें।
    • आपको बार-बार छाले होते हों।
    • छालों के साथ बुखार या निगलने में कठिनाई हो।
  • क्या मुँह के छालों को होने से रोका जा सकता है?
    • कुछ सावधानियां बरतकर मुँह के छालों के खतरे को कम किया जा सकता है:
    • तनाव का प्रबंधन करें।
    • संतुलित आहार लें जिसमें सभी आवश्यक विटामिन और खनिज हों।
    • ऐसे खाद्य पदार्थों से बचें जिनसे आपको एलर्जी या संवेदनशीलता हो।
    • नरम ब्रिसल वाले टूथब्रश का उपयोग करें।
    • एसएलएस मुक्त टूथपेस्ट और माउथवॉश का उपयोग करें।
    • अपने दांतों की अच्छी देखभाल करें।
  • क्या आयुर्वेदिक उपचार के कोई दुष्प्रभाव होते हैं?
    • आमतौर पर, बताए गए तरीके से उपयोग किए जाने पर अधिकांश आयुर्वेदिक उपचारों के कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होते हैं। हालांकि, यदि आपको किसी विशेष जड़ी बूटी या पदार्थ से एलर्जी है, तो आपको प्रतिक्रिया हो सकती है। किसी भी नए उपचार को शुरू करने से पहले हमेशा एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।

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